धर्म
धर्म की परिभाषा :-
सरल भाषा मे धर्म एक "नियम" है, या दूसरे शब्दों में कहाँ जाय तो धर्म एक "अनुशासन" है, जिसमे अच्छे कर्म करने वाले को "पुरुस्कार" तथा बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को "सजा" की एक व्यवस्था है।
अच्छे कर्म :-
1. सत्य बोलना
2. चोरी नही करना
3. असहाय की मदद करना
4. दान करना
5. नि स्वार्थ कार्य करना
बुरे कर्म :-
अच्छे कर्म के विपरीत कार्य बुरे कर्म माने जाते हैं।
धर्म के प्रकार :-
जो व्यक्ति या समुदाय एक ही प्रकार का नियम का पालन करते हैं वो एक ही धर्म के लोग माने जाते है ।
उदाहरण- जो व्यक्ति या समुदाय मूर्ति या प्रकृति पूजा करते हैं, वो "हिन्दू धर्म" लोग माने जाते हैं।
भारत मे 6 धर्म है । जो एक दूसरे से भिन्न हैं।
1. हिन्दू धर्म - सबसे पुराना धर्म माना जाता है। सबसे ज्यादा नियम वाला धर्म है। सभी नियम पर वैज्ञानिक तर्क है।
2. मुस्लिम धर्म- अपने नियम प्रति कट्टरपंथी है ।
3. सिख धर्म - हिन्दू और मुस्लिम धर्म से बुराई के परिणाम से उत्पन्न धर्म, त्रुटि रहित धर्म, शुद्ध धर्म।
4. ईसाई धर्म - अल्प मात्रा में नियम वाला धर्म, व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर देता है।
5. जैन धर्म- शांति और संयम नियम पर आधारित धर्म ।
6.बौध्द धर्म - कर्म प्रधान धर्म ।
धर्म और जाति में अंतर :-
हिन्दू धर्म का लघु रूप जाति है, व्यक्ति अपना धर्म बदल सकता है लेकिन जाति कभी बदल नही सकती है।
धर्म और संविधान में अंतर :-
एक समान नियम वाले एक धर्म के लोग होते है लेकिन सभी धर्म को के नियम को माने ने वाले को संविधान कहते हैं। संविधान सभी धर्म का कुल योग होता है।
सभी धर्मों को मिलाकर एक धर्म बनाता है जिससे हम "संविधान" कहते हैं ।

