छठ पूजा पूरी तरह से पवित्रता का त्योहार है। इस पर भूमंडलीकरण यानी ग्लोबलाइजेशन का असर नहीं पड़ा है। इस पर्व में परंपरा व पवित्रता को महत्व दिया जाता है। इसमें मिट्टी के चूल्हे, आम की लकड़ी, जांते में पीसे गए गेहूं का आटा, गुड़ और चावल का ही प्रयोग होता है।
नगर से गांव तक अब जांता किसी भी घर में नहीं मिलता। इसलिए हर मोहल्ले में आटा चक्की की धुलाई कर छठ प्रसाद के लिए गेहूं की पिसाई मिल मालिक करते हैं। कई स्थानों पर पुण्य कमाने के लिए मिल मालिक प्रसाद का गेहूं मुफ्त में पिसते हैं। 🙏